HINDI KAHANI STORY - AN OVERVIEW

hindi kahani story - An Overview

hindi kahani story - An Overview

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hindi kahani

को हिन्दी का प्रथम कहानी संग्रह मानते हैं, लेकिन ये कहानियाँ नही जीवनियाँ मात्र हैं।

कहानियाँ लिखी । बैगन का पौधा, झेलम के सात पुल छीटे आदि कहानी - संग्रह इनके इन्हीं

कहानियाँ हमें परम्परा से प्राप्त हुई, इनमें अतिसंख्य कहानियाँ कल्पना पर आधारित होती हैं, लेकिन कहीं-कहीं

पराधीनता और आर्थिक शोषण में विरूद्ध आवाज उठाने वाली कहानियाँ हैं। 

की ‘शव यात्रा', 'दूसरे के पैर', महीपसिंह की 'काला बाय, गोरा बाय', आदि कहानियाँ

खजूर के वृक्षों की छोटी-सी छाया उस कड़ाके की धूप में मानो सिकुड़ कर अपने-आपमें, या पेड़ के पैरों तले, छिपी जा रही है। अपनी उत्तप्त साँस से छटपटाते हुए वातावरण से दो-चार केना के फूलों की आभा एक तरलता, एक चिकनेपन का भ्रम उत्पन्न कर रही है, यद्यपि है सब अज्ञेय

मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह

केन्द्रीय महत्व का स्वीकारा। मुशी प्रेमचन्द ने अपने जीवन काल में तीन सौ

दृष्टि से सफल कहानियाँ हैं। इनकी प्रसिद्ध कहानियों में डाची, आकाश चारी, नासूर, अंकुर, खाली डिब्बा, एक उदासीन शाम

की 'नीच जात' धरा, मुरदा सराय, अँधेरा हँस्ता है, मार्कण्डेय की 'हंसा जाई अकेला' 'भूदान', शेखर जोशी की 'तर्पण', राजेन्द्र अवस्थी

उनमें जैनेन्द्रकुमार का प्रमुख स्थान है। इनका ध्यान समाज के विस्तार की अपेक्षा

आये। स्वतंत्रता पश्चात् लिखी गई हिन्दी कहानी में आधुनिक जीवन की विविध समस्याओं

अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका। भंडार-घर भगवतीचरण वर्मा

खटमल औत बेचारी जूं : पंचतंत्र की कहानी 

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